मंगलवार, 23 सितंबर 2025

कोचीन शिपयार्ड आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय//प्रविष्टि तिथि: 23 SEP 2025 at 1:44 PM by PIB Delhi//Azadi Ka Amrut Mahotsav 

एचडी कोरिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

जहाज निर्माण के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग के लिए होगा नया मील पत्थर 

*कोच्चि में ब्लॉक फैब्रिकेशन व्यवस्था (बीएफएफ): 80 एकड़ में संयंत्र, 1,20,000 मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता और ₹3,700 करोड़ का निवेश

*सीएसएल तमिलनाडु में जहाज निर्माण क्लस्टर विकसित करेगा और ₹15,000 करोड़ का शिपयार्ड स्थापित करेगा जिससे 10,000 रोजगार का सृजन होगा

नई दिल्लीः 23 सितंबर 2025  (पीआईबी दिल्ली//साथ समंदर पार से)::

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाते हुए जहाज निर्माण के क्षेत्र में दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग के लिए एचडी कोरिया शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग (एचडी केएसओई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। "समुद्र से समृद्धि - भारत के समुद्री क्षेत्र में परिवर्तन" नाम के ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गयाजिसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार20 सितंबर 2025 को गुजरात के भावनगर में किया था।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के समय उपस्थित थे। हुंडई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं वैश्विक व्यापार प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख जंग चांगिन और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री मधु एस. नायर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

यह साझेदारी सीएसएल की विरासतबुनियादी ढांचे और घरेलू विशेषज्ञता और एचडी केएसओई की उन्नत तकनीक और वैश्विक अनुभव को एक साथ जोड़ने का प्रयास है। यह भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत सीएसएल के 310 मीटर लंबे नए ड्राई डॉक का उपयोग स्वेजमैक्स टैंकरोंकंटेनर जहाजों और केपसाइज़ बल्क कैरियर जैसे बड़े जहाजों के निर्माण के लिए किया जाएगाजिनकी क्षमता सालाना छह जहाजों तक की होगी। भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 17 जनवरी 2024 को नए ड्राई डॉक का उद्घाटन किया था।

इसके सहयोग के लिए कोच्चि में लगभग 80 एकड़ में एक समर्पित ब्लॉक फैब्रिकेशन व्यवस्था (बीएफएफ) की योजना बनाई गई हैजिसकी वार्षिक क्षमता 1,20,000 मीट्रिक टन होगी और इसमें लगभग ₹3,700 करोड़ का निवेश होगा। प्रस्तावित व्यवस्था और इसके नक्शे का विवरण इस कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया। इस पहल से लगभग 2,000 प्रत्यक्ष रोजगार और लॉजिस्टिक्सएमएसएमईआपूर्ति श्रृंखला और सहायक उद्योगों जैसे क्षेत्रों में 2 से 5 गुना अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

यह सहयोग संक्रमण काल ​​के दौरान सीएसएल की वर्तमान व्यवस्था में जहाज निर्माण परियोजनाओं के संयुक्त कार्यान्वयन पर भी केंद्रित होगासाथ ही नए व्यावसायिक क्षेत्रोंग्रीनफील्ड शिपयार्ड और कौशल विकास के क्षेत्रों में अवसरों की खोज भी करेगा। यह साझेदारी उत्पादन क्षमता में वृद्धि और अगली पीढ़ी के जहाजों की आपूर्ति के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया विजन (एमआईवी2030 और मैरीटाइम अमृत काल विजन (एमएकेवी2047 जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप हैजो भारत को एक वैश्विक जहाज निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के मिशन को सुदृढ़ करती है।

सीएसएल ने इसके अतिरिक्त जहाज निर्माण क्लस्टर विकसित करने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप गाइडेंस नाम की तमिलनाडु सरकार की नोडल एजेंसी के साथ एक दूसरे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सीएसएल के सीएमडीश्री मधु एस नायरगाइडेंस तमिलनाडु के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारीऔर डॉ. दारेज़ अहमद हस्ताक्षर के समय उपस्थित थे। सीएसएल अपनी दीर्घकालिक विकास रणनीति के हिस्से के रूप में कोरियाई भागीदार के सहयोग से तमिलनाडु में अत्याधुनिक शिपयार्ड स्थापित करने के लिए लगभग ₹15,000 करोड़ के ग्रीनफील्ड निवेश पर विचार कर रहा है। परियोजना के पहले चरण में लगभग 10,000 नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है - जिसमें 4,000 प्रत्यक्ष और 6,000 अप्रत्यक्ष अवसर शामिल हैं। जहाजों के मरम्मत की आधुनिक व्यवस्था भी इसमें शामिल हो सकती है।

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पीके/केसी/केके/एनजे//(रिलीज़ आईडी: 2170089)